📘 दस्तावेज का उद्देश्य:
यह दिशा-निर्देश CWSN (Children With Special Needs) विद्यार्थियों को मिलने वाले रीडर भत्ते (Reader Allowance) के संबंध में है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थियों को उनकी शैक्षणिक प्रक्रिया में सहायता के लिए उचित वित्तीय सहयोग प्रदान किया जाए।
🧒🏻 लाभार्थी (Beneficiaries):
- ऐसे विद्यार्थी जो शारीरिक/दृष्टि/बौद्धिक रूप से अक्षम हैं और जिन्हें पढ़ने-लिखने में किसी सहायक की आवश्यकता होती है।
- यह सहायता सरकारी या मान्यता प्राप्त विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए है।
💰 रीडर भत्ता की राशि:
- विद्यार्थियों को प्रतिमाह निश्चित राशि दी जाती है (PDF में राशि का स्पष्ट उल्लेख नहीं है लेकिन आमत: ₹250 से ₹500 प्रति माह तक होता है)।
- यह राशि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से विद्यार्थियों के बैंक खातों में जमा की जाती है।
📝 प्रक्रिया:
- विद्यालय स्तर पर ऐसे विद्यार्थियों की पहचान की जाती है।
- प्रधानाध्यापक द्वारा सूची बनाकर उच्चाधिकारियों को भेजी जाती है।
- अनुमोदन के पश्चात संबंधित राशि विद्यार्थियों को दी जाती है।
- अभिलेखों का संधारण एवं सत्यापन आवश्यक है।
📌 मुख्य निर्देश:
- विद्यालय द्वारा प्रमाणित किया जाना चाहिए कि विद्यार्थी को वास्तव में रीडर की आवश्यकता है।
- रीडर की नियुक्ति विद्यालय स्तर पर हो सकती है या विद्यार्थी स्वयं किसी सहायक को नामित कर सकता है।
- डुप्लीकेट भुगतान से बचने के लिए आधार, बैंक खाता और अन्य विवरणों का सत्यापन आवश्यक है।
🏫 उत्तरदायित्व:
- प्रधानाध्यापक: पात्रता की जांच, नामांकन की पुष्टि, रिकॉर्ड संधारण।
- ब्लॉक/जिला शिक्षा अधिकारी: निगरानी, अनुमोदन, राशि वितरण की पुष्टि।
- राज्य स्तर पर: नीति निर्माण और निरीक्षण।